1. कविता से

(क) कविता में रतन किसे कहा गया है और वे कहाँ-कहाँ बिखरे हुए हैं?

उ: कविता में ओस को रतन कहा गया है। यह हरी घास, पत्तों और फूलों पर बिखरे हुए हैं।

(ख) ओस कणों को देखकर कवि का मन क्या करना चाहता है?

उ: ओस कणों को देखकर कवि का मन कह रहा है कि वह अंजलि भर कर उन्हें ले जाए और  इनको देख-देखकर एक कविता लिखें।

2. कविता से आगे

(क) पता करो कि सुबह के समय खुले स्थानों पर ओस की बूँदे कैसे बन जाती हैं? इसे अपने शिक्षक को बताओ।

उ: हवा में पानी जल-वाष्प के रूप में पाया जाता है। जब यह जल-वाष्प किसी ठंडी वस्तु या ठंडी सतह के संपर्क में आते हैं तो फिर से तरल रूप में परिवर्तित हो जाती है और पानी की बूंदों के रूप में आ जाती है। अतः ओस एक तरह से वह पानी होता है जो हवा की जल-वाष्प के ठंडे हो जाने पर पत्तों, घास या अन्य चीजों पर बूंदों का रुप ले लेता है।

(ख) क्या ओस, कोहरा और वर्षा में कोई संबंध है? इसके बनने और होने के कारणों का पता लगाओ और उसे अपने ढंग से लिखकर शिक्षक को दिखाओ।

उ: ओस, कोहरा और वर्षा तीनों ही क्रियाएँ जल की वजह से होती है। हवा में जल वाष्प होता है, जब यह वाष्प किसी ठंडी चीज के संपर्क में आती है तो पानी की बूंदों के रूप में बदल जाती है, जिसे हम ओस कहते हैं।

कोहरा – कोहरा भी जल वाष्प से बनता है। ठंड के मौसम में वातावरण में मौजूद हर चीज ठंडी होती है। जब यह जल वाष्प के कण ठंडी चीजों के संपर्क में आते हैं तो जल के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। इसके अलावा कोहरा उस समय घना हो जाता है जब उसमें प्रदूषण के कण भी मिल जाते हैं। इसलिए शहरों में ज्यादा कोहरा होता है।

वर्षा पृथ्वी पर मौजूद जल लगातार वार्षिक हो रहा है। यह जल वाष्पित होकर बादलों के रूप में जमा हो जाता है। जब यह ठंडे हो जाते हैं तो वर्षा के रूप में फिर से धरती पर बरस जाते हैं।

(ग) सूरज निकलने के कुछ समय बाद ओस कहाँ चली जाती है? इसका उत्तर तुम अपने मित्रों, बड़ों, पुस्तकों और इंटरनेट की सहायता से प्राप्त करो और शिक्षक को बताओ।

उ: सूरज निकलने के बाद पानी फिर गर्म होकर भाप बनकर उड़ जाता है और ओस गायब हो जाती है।

3. तुम्हारी कल्पना

“इनकी शोभा निरख-निरख कर,

इन पर कविता एक बनाऊँ।”

कवि ओस की सुंदरता पर एक कविता बनाना चाहता है। यदि तुम कवि के स्थान पर होते, तो      कौन-सी कविता बनाते? अपने मनपसंद विषय पर कोई कविता बनाओ।

उ: रंग-बिरंगे प्यारे फूल

प्रात: बाग में खिलते फूल

भौरें रहे कलियों पर झूल।

 

सूरज जब सिर पर आता

खूब गर्मी बरसाता।

 

लेकिन जब है बारिश आती

गर्मी सारी कहीं भाग जाती।

 

तब खिलते हैं धरती पर

रंग-बिरंगे प्यारे फूल

 

सभी फूल हंसते हैं बाग में

जैसे बच्चों की मुस्कान


4. मौसम की बात

(क) तुम्हारे विचार से यह किस मौसम की कविता हो सकती है?

उ: मेरे विचार से यह सर्दी के मौसम की कविता हो सकती है।

(ख) तुम्हारे प्रदेश में कौन-कौन से मौसम आते हैं? उसकी सूची बनाओ।

उ: हमारे प्रदेश में सर्दी, गर्मी, बरसात, बसंत, पतझड़ आदि मौसम आते हैं।

(ग) तुम्हें कौन सा मौसम सबसे अधिक पसंद है और क्यों?

उ: मुझे वर्षा का मौसम अच्छा लगता है। हमें गर्मी से छुटकारा मिलता है और चारों और हरियाली छा जाती है।


5. अंजलि में

“जी होता इन ओस कणों को

अंजलि में भर घर ले आऊँ ”

कवि ओस को अपने अंजलि में भरना चाहता है। तुम नीचे दी गई चीज़ों में से किन चीज़ों को अपनी अंजली में भर सकते हो ? सही का चिन्ह लगाओ–

रेत    ओस    धुँआ    हवा   पानी   तेल    लड्डू   गेंद

उत्तर: रेत, पानी,   तेल,  लड्डू,  गेंद


6. उलट
फेर

” हरी घास पर बिखेर दी हैं,  ये किसने मोती की लड़ियाँ?”

ऊपर की पंक्तियों को उलट-फेर कर इस तरह भी लिखा जा सकता है–

” हरी घास पर ये मोती की लड़ियाँ किसने बिखेर दी हैं?”

इसी तरह नीचे लिखी पंक्तियों में उलट-फेर कर तुम भी उसे अपने ढंग से लिखो।

(क) “कौन रात में गूँथ गया है,  ये उज्जवल हीरों की कड़ियाँ?”

–  रात में कौन ये उज्जवल हीरों की कड़ियाँ गूँथ गया है?

(ख) ” नभ के नन्हें तारों में ये,  कौन दमकते हैं यों दमदम?”

– नभ के नन्हे तारों में कौन दमदम दमकते हैं ?


8. कौन ऐसा

नीचे लिखे चीज़ों जैसे कुछ और चीज़ों के नाम सोचकर लिखो–

(क) जुगनू जैसे चमकीले – तारे

(ख) तारों जैसे झिलमिल – दिए

(ग) हीरों जैसे दमकते – ओस की बूँदे

(घ) फूलों जैसे सुंदर – बच्चे


9. बुझो मतलब

“जी होता, इन ओस कणों को, अंजलि में भर घर ले आऊँ”

‘घर’ शब्द का प्रयोग कई तरह से कर सकते हैं।

जैसे– (क) वह घर गया।

(ख) यह बात मेरे मन में घर कर गयी ।

(ग) यह तो घरघर की बात है।

‘बस’ शब्द का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है । तुम ‘बस’ शब्द का प्रयोग करते हुए अपने मन से कुछ वाक्य बनाओ।

उत्तर:  (क) आज बस जल्दी आ गई।

(ख) बसबस बातें मत बनाओ, काम करो।

(ग) बस इतना सा भोजन बचा है मेहमान तो काफी आए हुए हैं।


10. रूप बदलकर

चमक – चमकना – चमकाना – चमकवाना

‘चमक’ शब्द के कुछ रूप ऊपर लिखे हैं। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों का रूप बदलकर सही जगह पर भरो–     [ दमक, सरक, बिखर, बन ]

(क) जरा सा रगड़ते ही हीरे ने दमकना शुरू कर दिया।

(ख) तुम यह कमीज़ किस दर्ज़ी से बनवाना चाहते हो।

(ग) साँप ने धीरे-धीरे सरकना शुरू कर दिया।

(घ) लकी को मूर्ख बनाना तो बहुत आसान है।

(ङ) तुमने अब खिलौने बिखेरने बंद कर दिए?