प्र) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ बताकर वाक्य में प्रयोग कीजिए ।

1) शोक मनाना – दुख प्रकट करना ।
– महात्मा गाँधी की मृत्यु पर पूरे देश ने शोक मनाया ।

2) निछावर होना – समर्पित होना
– सरहद पर सैनिक देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण निछावर कर देते हैं।

अभ्यास प्रश्न

क) निम्नलिखित पद्य-खंड को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।

जीवन में वह था एक कुसुम,

थे उस पर नित्य निछावर तुम,

वह सूख गया तो सूख गया !

मधुबन की छाती को देखो,

सूखी इसकी कितनी कलियाँ,

मुरझाई कितनी वल्लरियाँ,

जो मुरझाई फिर कहाँ खिलीं !

पर बोलो सूखे फूलों पर,

कब मधुबन शोर मचाता है ?

प्रश्न – 1) यह पद्य-खंड किस कविता से लिया गया है ?
उ:  यह पद्य-खंड ‘जो बीत गई सो बात गई’ इस कविता से लिया गया है ।

2) इस कविता के कवि का नाम क्या है ?
:  इस कविता के कवि का नाम हरिवंशराय बच्चन है ।

3) कवि अपने जीवन में नित्य किस पर निछावर था ?
उ: कवि अपने जीवन में खिले कुसुम पर निछावर था ।

4) मधुबन किस बात पर शोर नहीं मचाता है ?
उ: मधुबन अपने सूखे फूलों पर शोर नहीं मचाते है।

ख) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 10-15 शब्दों में लिखिए ।

1) कवि को अपने जीवन में कौन सी चीज बेहद प्यारी थी ?
उ: कवि को अपने जीवन में एक सितारा अर्थात अपनी प्रथम स्वर्गीय पत्नी श्यामा बेहद प्यारी थी।

2) तारों के टूटने पर कौन शोक नहीं मनाता है ?
उ: तारों के टूटने पर अंबर शोक नहीं मनाता है ।

3) मधुबन की दशा कैसी हो गई ?
उ:  मधुबन के फूल, कलियाँ सूख गए हैं और लताएँ मुरझा गई है।

ग) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए ।

1) तारों के टूटने पर अंबर शोक क्यों नहीं मनाता है ?
उ: कवि का कहना है कि अंबर में असंख्य तारे झिलमिलाते रहते हैं । अगर कोई प्रिय तारा टूट कर अनंत में विलीन हो जाते है तो इसका अंबर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता । वह उन तारों का शौक नहीं मनाता । इसी गगन के माध्यम से कवि मानव जीवन को प्रेरणा देते हैं कि जब कोई प्यारा खो जाता है तो हमें वह वापस नहीं मिलता । इसलिए हमें अतीत को भुलाकर जिंदगी में आगे बढ़ना चाहिए।

2) फूलों के सूखने का मधुवन पर क्या असर होता है ?
उ:
 मधुबन में रंग-बिरंगे खुशबूदार फूल महकते हैं । लेकिन कुछ समय पश्चात यह फूल मुरझा जाते हैं । लेकिन उपवन अपने मुरझाए हुए कलियों एवं फूलों के सूखने पर शोर नहीं मचाता । उसी प्रकार मनुष्य के जीवन में बीती-बातों को लेकर या अपने सपने टूट जाने पर दुखी होने के बजाय, दुखों को भुलाकर वर्तमान की चिंता कर आगे बढ़ जाना चाहिए।

3) हरिवंशराय बच्चन प्रस्तुत कविता से हमें क्या संदेश देते हैं ?
: हरिवंशराय बच्चन हमें इस कविता द्वारा यह संदेश देते हैं कि हर मनुष्य को जीवन में सुख और दुखों का अनुभव अवश्य ही प्राप्त होता है । पर हमें बीते हुए दुखों को याद कर वर्तमान में उसका शौक नहीं मनाना चाहिए बल्कि जीवन के बाकी बचे हुए समय को सुखपूर्वक बिताना चाहिए । हमें परिस्थितियों से लड़ना चाहिए और अगर एक स्वप्न टूटे तो दूसरा गढ़ना चाहिए । जो हमारे समक्ष हैं उसे स्वीकार कर प्रसन्न रहना चाहिए । यह कविता निराशा में आशा का संचार करती है और हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।