प्र) निम्नलिखित शब्दयुग्मों को वाक्य में प्रयोग कीजिए:-

1. छिन्न-भिन्न – तूफान ने गरीबों की झोपड़ियाँ छिन्न-भिन्न कर डाली।

2. भूखे-प्यासे – बर्फबारी के कारण यात्री पहाड़ों में भूखे-प्यासे फँसे हुए थे।

3. होड़ा-होड़ी – आजकल शिक्षा के क्षेत्र में होड़ा-होड़ी है।

प्र) अभ्यास प्रश्न

(क) निम्नलिखित पद्य-खंड को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए–

(अ) ऐसे थे अरमान कि उड़ते
       नीले नभ की सीमा पाने,
      लाल किरण-सी चोंच खोल
      चुगते तारक-अनार के दाने।

प्रश्न– (i) ये पंक्तियाँ किस कविता से ली गई है?
            उ: यह पंक्तियाँ ‘हमें न बाँधो प्राचीरों में ‘ कविता से ली गई है।

(ii) यह किस कवि की रचना है?
उ: यह कविता शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की रचना है।

(iii) पंछी का अरमान किस सीमा तक पहुँचने का रहा?
उ: पंछी का अरमान नीले नभ की सीमा पाने तक उड़ने का रहा।

(iv) चोंच का वर्णन कवि ने कैसे किया है?
उ: कवि ने चोंच का वर्णन सूरज की लाल किरण से किया है जिससे वह अनार के दाने यानी तारों को चुग लेते।

(आ) स्वर्ण – श्रृंखला के बंधन में
        अपनी गति, उड़ान सब भूले
        बस सपनों में देख रहे हैं
        तरु की फुनगी पर के झूले।

प्रश्न– (i) यह पंक्तियाँ किस कविता से ली गई है?
         उ: यह पंक्तियाँ ‘ हमें न बाँधो प्राचीरों में ‘ कविता से ली गई है।

(ii) यह किस कवि की रचना है?
उ: यह शिवमंगल सिंह ‘ सुमन ‘ की रचना है।

(iii) पंछी पिंजड़े में बंद होकर क्या भूल गए हैं?
: पंछी पिंजड़े में बंद होकर अपनी गति और उड़ान भूल गए है।

(iv) पंछी सपनों में क्या देखते हैं?
उ: पंछी सपनों में देखते हैं कि वह पेड़ों की उँची डालियों में झूला झूल रहे हैं।

() निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर पन्द्रह/बीस शब्दों में लिखिए

(i) पंछी के पुलकित पंख क्यों टूट जायेंगे?
उ: पंछी के पुलकित पंख पिंजरे की कनक-तीलियों अर्थात सोने के पिंजड़े से टकराकर टूट जाएँगे।

(ii) पंछी को पिंजरे में क्या खिलाया जाता है?
उ: पंछी को पिंजरे में सोने की कटोरी में मैदा एवं पानी दिया जाता है।

(iii) पंछी के अनुसार किससे ‘कटुक निबौरी’ भली है?
उ: पंछी के अनुसार उसे जो बंद पिंजरे में सोने की कटोरी में मैदा दिया जाता है, उससे अच्छा तो स्वच्छंद वन में प्राप्त कटुक – निबौरी है।

(iv) सपनों में पंछी क्या देख रहा है?
उ: सपनों में पंछी देख रहा है कि वह स्वतंत्र है और उन्मुक्त गगन में उड़ान भर रहा है और पेड़ों की उँची डालियों पर झूल रहा है।

() निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर पच्चीस/तीस शब्दों में लिखिए

(i) पिंजरबध्द पंछी को किस प्रकार की सुविधाएँ दी गई हैं?
उ: पंछी उन्मुक्त गगन में उड़ना चाहता है। परंतु उन्हें सोने के पिंजरे में कैद कर दिया है। पिंजरे में उन्हें सोने की कटोरी में मैदा दिया जाता है। पंछी बहता हुआ पानी, अर्थात नदी का पानी पीना चाहते हैं। उन्हें इन सबसे नीम की कड़वी निबौरी ज्यादा पसंद है। पंछी को स्वतंत्रता प्यारी है इसके लिए उन्हें भूख-प्यास भी मंजूर हैं।

(ii) पंछी के अरमानों के विषय में कविता में क्या कहा गया है?
उ: पंछी पिंजरबध्द है। वह स्वतंत्र रहकर आकाश में उड़ना चाहता है। वह नीले आसमान की अंतहीन सीमा को नापना चाहता है। अपनी सूरत जैसी लाल चोंच से अनार के दाने अर्थात तारों को चुगना चाहता है। वह स्वतंत्र रहकर नदियों, झरनों का जल पीना चाहता है। पंछी आकाश से प्रतिस्पर्धा करना चाहता है। वृक्षों की डालियों पर बैठकर झूलना चाहता है। पंछी आकाश में स्वतंत्र रूप से विचरण करने की कामना करता है।

(iii) पिंजरे में रहने की नाराजगी व्यक्त कर पंछी क्या प्रार्थना करता है?”
उ: पंछी को स्वतंत्रता प्रिय है। वह पिंजरे में बहुत दु:खी है। कविता में पंछी कहता है कि यदि हम आजाद होते तो सीमाहीन आकाश की सीमा को पार कर लेते। हमारे पंखों की उड़ान से आकाश की क्षितिज की प्रतिस्पर्धा होती। वह प्रार्थना करता है कि भले ही रहने का स्थान न दो, घोसलों को नष्ट कर डालो परंतु हमें अपने पंखों से आसमान में स्वच्छंद उड़ने दो। अत: हमारे नैसर्गिक अधिकार अर्थात उड़ने में बंधन मत बाँधो। हमें प्राचीरों से मुक्ति दो और इसे विशाल आकाश में स्वतंत्रता से उड़ने दो।