निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करो।
1. खरा सोना होना – ईमानदार होना / सच्चा होना
– मोहन का बेटा सचमें खरा सोना है।
2. असर होना – प्रभाव होना
– आज के युवाओं पर पाश्चात्य सभ्यता का तेजी से असर हो रहा है।
3. पाठ पढ़ना – सबक सीखना।
– भगतसिंह का जीवन हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ाता है।
4. हवा में उड़ना – तेजी से चलना।
– प्रतियोगिता जीतकर जया हवा में उड़ रही थी।
निम्नलिखित शब्द–युग्मों का प्रयोग वाक्यों में कीजिए:-
1. बोलते-बोलते – राजू बोलते–बोलते सहसा रुक गया।
2. पन्द्रह-बीस – पन्द्रह–बीस लोग हरिप्रसाद के घर के बाहर खड़े थे।
3. आने-जाने – तूफान के वजह से आने–जाने का मार्ग बाधित था।
4. जैसे-जैसे – जैसे–जैसे रात होने लगी जंगल का सन्नाटा भयानक होता गया।
5. लेने-देने – लड़केवाले ने लड़कीवालों से लेने–देने की सारी बात स्पष्ट कर ली थी।
6. एक-एक – एक–एक कर सब गाँव छोड शहर काम करने जाने लगे।
(क) निम्नलिखित गद्य–खंड को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:-
अ– ” राजकिशोर: अच्छा, एक छलनी में तुम्हें क्या बचेगा?
बसंत: दो पैसे।
राजकिशोर: तो बस, पैसे ले लो और समझ लो मैंने एक छलनी खरीद ली।
बसंत: ” नहीं साहब, नहीं यह तो भीख है। मैं भीख नहीं लूँगा। आप छलनी ले लें। ”
प्रश्न– (i) उपरोक्त गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है ?
उ: उपरोक्त गद्य-खंड ‘ ईमानदार लड़का ‘ इस पाठ से लिया गया है।
(ii) इसके लेखक का क्या नाम है ?
उ: इस पाठ के लेखक का नाम विष्णु प्रभाकर हैं।
(iii) एक छलनी बेचकर बसंत को कितने पैसे बचते थे ?
उ: एक छलनी बेचकर बसंत को दो पैसे बचते थे।
(iv) बसंत ने पं० राजकिशोर से पैसे लेने से इंकार क्यों कर दिया ?
उ: पं० राजकिशोर द्वारा दिए गए पैसों को बसंत भीख समझता था इसलिए उसने पैसे लेने से इंकार कर दिया।
आ– ” राजकिशोर: (अंदर की ओर पुकारकर) अमरसिंह ! मैं अहीर टोला जा रहा हूँ। तुम इसी वक्त डॉ० वर्मा को लेकर वहाँ आओ। कहना कि एक लड़के की टाँगे मोटर के नीचे कुचली गई हैं। जल्दी करो ! भीखू अहीर का घर पूछ लेना।”
प्रश्न– (i) उपरोक्त गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है ?
उ: उपरोक्त गद्य खंड ‘ ईमानदार लड़का ‘ इस पाठ से लिया गया है।
(ii) इसके लेखक का क्या नाम है ?
उ: इस पाठ के लेखक का नाम विष्णु प्रभाकर है।
(iii) भीखू अहीर का घर किस मौहल्ले में था ?
उ: भीखू अहीर का घर अहीर टोले में था।
(iv) मोटर दुर्घटना में लड़के को क्या हुआ ?
उ: मोटर दुर्घटना में लड़के की टाँगे मोटर के नीचे आकर कुचली गई।
(ख) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर पन्द्रह/बीस शब्दों में लिखिए–
(i) बसंत कौन-कौनसी चीजें बेच रहा था ?
उ: बसंत बटन, दियासलाई, छलनी आदि चीजें बेच रहा था।
(ii) पं० राजकिशोर कहाँ रहते थे ?
उ: पं० राजकिशोर एक मजदूर नेता थे और किशनगंज में रहते थे।
(iii) बाजार में नोट भुनाने गए बसंत के साथ क्या दुर्घटना घटी ?
उ: बाजार से नोट भुनाकर लौटते समय बसंत मोटर के नीचे आ गया और उसकी दोनों टाँगे कुचली गई।
(iv) प्रताप किशनगंज में क्यों आया था ?
उ: बसंत की दुर्घटना में दोनों टाँगे कुचली गई थी, पं० राजकिशोर के बचे हुए पैसे लौटाने के लिए प्रताप किशनगंज आया था।
(v) भीखू ने बसंत को क्या पिलाया था ?
उ: बसंत का दर्द कम करने के लिए भीखू ने उसे हल्दी डालकर दूध पिलाया था।
(ग) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर चालीस / पचास शब्दों में लिखिए–
(i) बसंत पं० राजकिशोर से छलनी खरीदने की जिद क्यों कर रहा था ?
उ: बसंत एक गरीब, अनाथ, शरणार्थी लड़का था। वह दिन भर बाजार में बटन, दियासलाई, छलनी आदि छोटी-छोटी चीजें बेचकर धन कमाता था तथा अपना और अपने छोटे भाई प्रताप का पेट भरता था। उस दिन एक भी चीज नहीं बिकी थी। पं० राजकिशोर को बाजार में देखकर वह उनसे एक न एक चीज खरीदने की जिद करने लगा। यदि आज उसकी कोई भी चीज ना बिकी तो वह तथा उसके भाई को भूखे ही सोना पड़ेगा। जब पं० राजकिशोर बिना खरीदे पैसे देने लगे तो स्वावलंबी बसंत ने इंकार कर दिया और कहा कि उसे भीख नहीं चाहिए उसके बदले उसकी कोई चीज़ खरीदने की जिद करने लगा।
2. बसंत नोट भूनाकर वापस क्यों नहीं लौट पाया ?
उ: बसंत के जिद करने पर जरूरत न होते हुए भी पं० राजकिशोर छलनी खरीद लेते हैं। लेकिन उनके पास नोट होता है पैसे नहीं इसलिए बसंत उनसे कहता है कि वह नोट भुनाकर बचे हुए पैसे वापस दे देगा। पैसे भुनाकर वापस लौटते समय मोटर के नीचे आकर उसकी दोनों टाँगे कुचली गई। इसिलिए वह पं० राजकिशोर के पैसे लौटा नहीं सका।
3. पं० राजकिशोर के मित्र ने आजकल के लड़कों पर क्या व्यंग्य किया।
उ: पं० राजकिशोर बाजार में खड़े बसंत का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि वह एक रुपया का नोट लेकर भुनाने गया था। तभी उनके परिचित कृष्णकुमार वहाँ पहुँचे है। जब उन्हें पता चलता है कि नोट भुनाने गया लड़का पन्द्रह-बीस मिनट होने पर भी लौटा नहीं तो वह व्यंग से कहते हैं कि वह वापस नहीं आएगा। वह बताते है कि आजकल बाजार में हर कोने में ऐसे गिड़गिड़ाकर भले बनकर ठगनेवाले लड़के बहुत मिलते हैं। राजकिशोर कहते हैं कि एक रुपया देकर उन्होंने पाठ सीख लिया है। इस पर कृष्णकुमार व्यंग से कहते हैं कि आपने भले लड़के से सुंदर पाठ पढ़ा है।
4. जब वसंत का भाई प्रताप पं० राजकिशोर के पैसे लौटाने आया तो इसका उन पर क्या असर हुआ ?
उ: पं० राजकिशोर ने काफी देर बाजार में बसंत की प्रतीक्षा की जब वह पैसे भुनाकर नहीं लौटा, तो वह अपने घर चले गए। वह उसे इमानदार, भला और स्वावलंबी लड़का समझते थे परंतु उनके मित्र
कृष्णकुमार उसे ठग बता रहे थे। इस बात को राजकिशोर स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। शाम को बसंत का छोटा भाई प्रताप उनको ढूँढते हुए उनके घर किशनगंज पहुँच जाता है। वह पं० राजकिशोर को बसंत के साथ हुई मोटर दुर्घटना के बारे में विस्तार से बताता है और बाकी पैसे लौटाता है। बसंत की ईमानदारी देख राजकिशोर को उससे सहानुभूति होती है कि घायल अवस्था में भी उसे पैसे लौटाना ज्यादा जरूरी लगा। वे तुरंत अहीर टोले उसके घर जाते हैं, डॉक्टर बुलाते हैं तथा उसके इलाज हेतु उसे अस्पताल पहुँचाने का प्रबंध करते हैं।
(v) पं० राजकिशोर और भीखु ने बसंत की प्रशंसा किस प्रकार की ?
उ: पं० राजकिशोर ने चीज खरीदने के बजाय बसंत को दो पैसे दिए, लेकिन बसंत ने उसे भीख कहकर लेने से इंकार कर दिया। इससे पं० राजकिशोर को ज्ञात हो गया कि वह एक गरीब, अनाथ, शरणार्थी परंतु स्वावलंबी एवं स्वाभिमानी लड़का है। भीख माँगने की बजाए वह मेहनत मजदूरी कर अपना तथा अपने भाई का पेट पाल रहा था। उनका मानना था कि बसंत में ईमानदारी जैसा दुर्लभ गुण है। भीखु के अनुसार बसंत खरा सोना है, इसलिए उसने दोनों अनाथ भाइयों को अपने घर में आश्रय दिया है। दोनों भाई मेहनती और ईमानदार हैं। इन्हीं गुणों के कारण बसंत सबसे स्नेह और विश्वास का पात्र बना।