नीचे लिखी पंक्तियां पढ़ो आपस में चर्चा करके इसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो ।

क)  “तेरे हरे-भरे सावन के साथी ये आए हैं”
क्या बादल हरे-भरे सावन के साथी हैं अथवा किसान के ? या दोनों के ?

उ: बादल, सावन और किसान दोनों के साथी हैं । सावन महीना वर्षा ऋतु में आता है । वर्षा के कारण सावन में हरियाली रहती है । किसान भी खुश रहता है क्योंकि वर्षा के कारण उसके खेत हरे-भरे लहलहाते हैं ।

ख) “तेरे प्राणों में भरने को नया राग लाए हैं”
 बादल ऐसा क्या लाए हैं जिससे किसान के प्राणों में नया रात भर जाएगा ?
उ:  किसान का जीवन कृषि से जुड़ा हुआ है, जो वर्षा पर निर्भर रहता है । बादल वर्षा लाते हैं, जिस वजह से किसान के खेत में फसल लहलहाती है । अच्छी वर्षा होती है तो उसकी मेहनत रंग लाती है। घर में धान रूपी धन आता है । उनके प्राण खेतों में बसते हैं और जब बादल  बरसते हैं तो जैसे उनमें नए प्राण भर देते हैं । उनके जीवन में नया राग भर जाता है ।

ग) “यह संदेशा ले कर आई, सरस मधुर शीतल पुरवाई”
    पुरवाई किसान के लिए क्या संदेशा लेकर आई होगी ?
उ: पुरवाई किसान के लिए मधुर संदेश लेकर आई है । वर्षा के कारण खेत लहलहा उठते हैं और पुरवाई के झोंके से खेतों में फसल झूमती है, इसलिए पुरवाई किसान को खुशी का और  सँपन्नता का संदेश लेकर आई है ।

घ) “तेरे लिए, अकेले तेरे लिए, कहाँ से चलकर आई”
 क्या सचमुच पुरवाई केवल किसान के लिए चलकर आई है ? वह कहाँ से चलकर आई होगी?
उ: पुरवाई सिर्फ किसान नहीं बल्कि सबके लिए चलकर आई है । परंतु किसान के लिए पुरवाई का ज्यादा महत्व है । पुरवाई की वजह से खेत लहलहाते हैं । पुरवाई पहाड़ों से अथवा समुद्र की दिशा से आती है । यह पूर्व से पश्चिम दिशा में बहती है ।

2) कविता के आधार पर बताओ कि

क) जब हरा खेत लहराएगा तो क्या होगा ?
उ:  जब हरा खेत लहराएगा तो वह हरी पताका फहरायेगा ।

ख)  बादलों के घिर आने पर कवि किसान को उठने के लिए क्यों कहता है ?
उ:  बादलों के घिर आने पर कवि किसान को उठने के लिए कहता है क्योंकि बादलों से जो वर्षा होगी, उसी पानी से किसान अपनी फसल सींचेगा । वह उसके खेतों में प्राण डालने आए हैं ।

ग)  रूप बदलकर बादल किसान के कौन से सपनों को साकार करेगा ?
उ: रूप बदलकर बादल किसान के धान से भरे, हरे खेतों और उससे आनेवाली खुशियों और संपन्नता के सपनों को साकार करेगा ।

3) छिपा है कौन ?

“हरा खेत जब लहराएगा हरी पताका फहराएगा , छिपा हुआ बादल तब उसमें रूप बदलकर मुस्काएगा ।“

कविता में हम पाते हैं कि सावन की हरियाली बादलों के कारण ही हुई है इसलिए कवि को उस हरियाली में मुस्कुराते बादल ही दिखाई देते हैं। बताओ कवि को इन सब में कौन दिखाई दे सकता है

क) गर्म हवा लू के थपेड़े ।       
उ:  भयंकर गर्मी

ख) सागर में उठती ऊँची-ऊँची लहरें ।
उ:  सागर की चंचलता ।

ग) सुगंध फैलाता हुआ फूल ।
उ:  रंग-बिरंगे फूलों से भरे बगीचे ।

घ)  चैन की नींद सोती हुई बालिका ।
उ: बेफिक्र सोती बालिका ।

4) किस्म-किस्म की खेती

आजकल पुराने जमाने की अपेक्षा किसान बहुत अधिक चीजों की खेती करने लगे हैं । खेती का स्वरूप बहुत विशाल हो गया है । पता करो कि आजकल भारत के लोग किन-किन चीजों की खेती करते हैं ? अपने साथियों के साथ मिलकर एक सूची तैयार करो ।
उ:  आजकल किसान विविध प्रकार की सब्जियाँ, फल, फूल, जड़ीबूटियाँ, अनाज, आदि की खेती करते हैं ।

5) मातृभाषा की कविता

अपनी मातृभाषा में ‘किसान’ पर लिखी गई कविता को अपने मित्रों व शिक्षक को सुनाओ ।

उ: ‘किसान’ नामक निम्नलिखित यह कविता एक उदाहरण है ।

धरा का चीरकर सीना, नए अंकुर उगाता है
उगाकर अन्न मेहनत से, हमें भोजन खिलाता है
सदा जिसने मिटाई भूख, जन जन कि जहाँ भर की
वही हलधर अभावों में, गले फाँसी लगाता है ।
कड़कती सर्दियों में धूप में, काली घटाओं में
लड़े अड़ जाए दुष्कर, आसमानी आपदाओं में
कभी जो हार ना माने, नतीजा चाहे जो भी हो
वही फिर टूट जाता, हार जाता है अभावों में

जरा सोचो तरक्की से, रियायत से क्या पाओगे
अगर ये ना ऊगाएँगे, तो क्या तुम खुद उगाओगे
अभी भी वक्त है हम जग जायेँ, इससे पहले कि
यह खेती छोड़ बैठे तो, क्या खाओगे खिलाओगे।

7) गर्जना बरसना

“उड़ने वाली काली जलधर नाच-नाच कर गरज-गरज कर औढ़ फुहारों की सित चादर देख उतरते हैं धरती पर”

बादल गरज-गरज कर धरती पर बरसते हैं परंतु इसके बिल्कुल उलट एक मुहावरा है – जो गरजते हैं, वह बरसते नहीं ।  कक्षा में पाँच-पाँच बच्चों के समूह बनाकर चर्चा करो कि दोनों बातों में से कौन सी बात अधिक सही है । अपने उत्तर का कारण भी बताओ । चर्चा के बाद प्रत्येक समूह का एक प्रतिनिधि पूरी कक्षा को अपने समूह के विचार बताएगा ।

उ: वर्षा ऋतु में बादल जब गरजते हैं तब वर्षा होती है । लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है बिजलियाँ चमकती है, जोरों से बादलों की गर्जना होती है, परंतु वर्षा नहीं होती । इसलिए कहा जाता है जो गरजते हैं वह बरसते नहीं । दोनों बातें सही हैं ।

8) और मुहावरे

वर्षा से जुड़े या वर्षा के बारे में कुछ और मुहावरे खोजो । उनका प्रयोग करते हुए एक-एक वाक्य बनाओ ।

उ: 1) जो गरजते हैं, वह बरसते नहीं ।
     वाक्य:  नेताओं की आदत होती है, वह गरजते हैं परंतु बरसते नहीं ।

2) आसमान टूटना ।
 वाक्य:  इस वर्ष इतनी वर्षा हुई मानो आसमान टूट गया ।

9) तनिक

“काले बादल तनिक देख तो।“

तुम भी अपने ढंग से ‘तनिक’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए पाँच वाक्य बनाओ ।

उ: 1) तुम मेरी तनिक भी चिंता नहीं करना ।

2) मुझे इस सप्ताह में तनिक भी अवकाश न मिला ।

3) मुझे तुम पर तनिक भी संदेह नहीं है ।

4) क्या तुम्हें यह कहने में तनिक भी शर्म न आई?

5) आज मेरा मन तनिक भी नहीं लग रहा है ।