निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ बताकर वाक्य में प्रयोग कीजिए ।
1) वादा करना – वचन देना, प्रतिज्ञा करना
– पिताजी ने मुझे प्रथम आने पर मोबाइल फोन दिलाने का वादा किया था ।
2) आँखें बिछाए रहना – राह देखते रहना
– शहर गए हुए बेटे के इंतजार में बूढ़ी माँ की आँखें बिछी रहती थी ।
3) अभ्यास होना – आदत होना ।
– कुसुम रोज नृत्य का अभ्यास करती थी ।
4) बर्दाश्त करना – सहना
– हमें अन्याय को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए ।
5) अनसुना करना – न सुनने का बहाना करना
– राज ने शिक्षक के निर्देशों को अनसुना कर दिया ।
अभ्यास प्रश्न
(क) निम्नलिखित गद्य-खंडों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उनके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
अ — इंतजार से प्रेम बढ़ता है । हर क्षण वही मन में रहता है और आँखें फाटक पर बिछी रहती हैं । प्रेम का नाप इस बात से तो होता है कि कौन आपका कितनी देर इंतजार करता है ।
प्रश्न – (i) यह गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है ?
उ: यह गद्य-खंड ‘समय पर ना मिलने वाले’ पाठ से लिया गया है ।
(ii) इस पाठ के लेखक का नाम क्या है ?
उ: इस पाठ के लेखक का नाम हरिशंकर परसाई है ।
(iii) लेखक के अनुसार प्रेम किससे बढ़ता है ?
उ: लेखक के अनुसार प्रेम इंतजार से बढ़ता है ।
(iv) लेखक के अनुसार प्रेम का नाप किस बात से होता है ?
उ: लेखक के अनुसार प्रेम का नाप इसी बात से होता है कि कौन आपका कितनी देर इंतजार करता है ।
आ — कई सालों के उनके साथ के अनुभवों से सावधानी की दीवार मैंने अपने आसपास खड़ी कर ली थी । वह जिस वक्त घर मिलने का वादा करते उस वक्त मैं कभी नहीं आता और जब वह मेरे घर आने की बात तय करते तब मैं बेखटके बाहर घूमता ।
प्रश्न – (i) यह गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है ?
उ: यह गद्य-खंड ‘समय पर ना मिलने वाले’ पाठ से लिया गया है ।
(ii) इस पाठ के लेखक का नाम क्या है ?
उ: इस पाठ के लेखक का नाम हरिशंकर परसाई है ।
(iii) कई सालों के अपने अनुभवों के बाद लेखक ने क्या किया ?
उ: कई सालों के अनुभव के बाद लेखक ने सावधानी की दीवार अपने आसपास खड़ी कर ली।
(iv) लेखक बेखटके बाहर कब घूमता था ?
उ: जब लेखक के दोस्त उनके घर आने की बात तय करते, तब लेखक बेखटके बाहर घूमता था।
(ख) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 10-15 शब्दों में लिखिए ।
1) लेखक ने किन लोगों को ‘टाइम-पीस’ कहा है ?
उ: जो लोग समय पर घर मिलते हैं और समय पर दूसरे के घर जाते हैं उन्हें लेखक ने ‘टाइम- पीस’ कहा है ।
2) लेखक ने किन लोगों को भगवान के एजेंट कहा है ?
उ: लेखक ने उन लोगों को भगवान के एजेंट कहा है जो लोग समय तय करके भी घर पर नहीं मिलते हैं ।
3) लेखक मित्र के बेटे से उसकी पढ़ाई के बारे में क्यों पूछ लेता है ?
उ: लेखक तनाव कम करने के लिए मित्र के बेटे से उसकी पढ़ाई के बारे में पूछ लेता है ।
4) अपने बड़े सवाल का छोटा-सा जवाब सुनकर लेखक को क्या लगता है ?
उ: अपने बड़े सवाल का छोटा जवाब सुनकर लेखक को लगता है कि वह बच्चे हैं और किसी बुजुर्ग के सामने बचकानी बकबक कर रहे हैं ।
5) लेखक के आने से घर की औरतें परेशान क्यों हो जाती हैं ?
उ: लेखक के आने से घर की औरतें परेशान हो जाती हैं क्योंकि उनका स्वतंत्रता से बाहर निकलना बंद हो जाता है ।
ख) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 40-50 शब्दों में लिखिए ।
1)लेखक ने समय पर मिलने वाले और समय पर ना मिलने वाले आदमियों के बारे में क्या कहा है?
उ: लेखक ने समय पर मिलनेवालों को टाइम-पीस कहा है । यह घर में रहेंगे तो टाइम भी देखते रहेंगे और बाहर होंगे तो हाथ घड़ी देखते रहेंगे । इन्हें हम बर्दाश्त कर लेते हैं पर इनकी चर्चा करना व्यर्थ है। लेखक ने समय तय करके ना मिलनेवालों को भगवान का एजेंट बताया है। वह हमें अभ्यास कराते हैं कि कैसे बिना ऊबे, अवमानना की अवहेलना करके अनिश्चित काल के लिए किसी के दरवाजे पर इंतजार किया जाता है । इस अभ्यास से भगवान के दरवाजे पर जहाँ कई जन्म तक इंतजार करना पड़ता है, आसानी होती है ।
2) अतिथि के बारे में घर की स्त्रियों ने क्या कहा ?
उ: अतिथि को लेकर घर की स्त्रियाँ परेशान है क्योंकि उनका बाहर निकलना बंद हो गया है । वह कहती हैं कि यह अच्छा है, सवेरे से आकर बैठ गया है, उठने का नाम नहीं लेता । कह दिया घर पर नहीं है, तो जाता क्यों नहीं ? है कौन ये ? अरी वही है, काम धाम है नहीं, तो यहाँ बैठे वहाँ बैठे । बड़ा मट्ठर आदमी है, कह दिया आदमी घर में नहीं है, तो जाकर अपना काम धाम क्यों नहीं देखता । काम-धाम कुछ हो तो देखें, यह कहकर लेखक पर हँसती है ।
3) समय पर न मिलनेवाले लोगों को लेखक ने ज्ञानी क्यों कहा है ?
उ: समय पर न मिलने वाले लोगों को लेखक ने ज्ञानी कहा है क्योंकि वह समय का कोई ख्याल नहीं रखते और अपना तथा दूसरों का वक्त खराब करते हैं । वे जानते हैं कि काम अनंत है और आत्मा अमर है । जो काम इस जन्म में पुरा न हुआ तो अगले जन्म में पूरा कर लेंगे या उसके बादवाले में । उन्हें कार्य पूरा करने की कोई जल्दी नहीं है ।
4) अपने मित्र के यहाँ भोजन के लिए जाने पर लेखक को क्या अनुभव हुआ ?
उ: लेखक के मित्र ने उन्हें अपने घर भोजन पर 11:00 बजे आमंत्रित किया था । लेखक जब 11:00 बजे उनके घर पहुँचे तो वह घर पर नहीं थे । काफी देर इंतजार करने पर लेखक को ऐसा महसूस हुआ कि उनके लिए वहाँ भोजन का कोई प्रबंध नहीं है । शाम को जब लेखक उस मित्र से मिले तो उन्हें यह ज्ञात हुआ कि वे उन्हें घर बुलाकर भूल गए हैं और जब लेखक उनका उनके घर पर इंतजार कर रहे थे, तब उनके मित्र दूसरे के घर भोजन कर रहे थे ।